अलगसे व्हिडीओ और जोक्स क्यूँ भेजते हो यारों
जिंदगीके मजाक देखते फुरसतही कहां मिलती है I
ना रखो इतना गुस्सा मनमे हमारे लिये
तुमने मेसेज इतना जोरसे डिलीट किया की आवाज यहाँ तक आ गयी I
ऐ जिंदगी, मैं जनता हूँ की तुमने मोबाईलमे अच्छी चिजे रखी है
जिस दिन मुझपे यकीन हो जाए, मुझे पासवर्ड बता देना I
(सीमब अकबराबादी का शेर याद करते हुवे)
कुछ करेंगे सोचकर लाये थे चार दिन
दो फॉरवर्डिंग में कट गये दो डिलिटिंगमे I
(१८/४/२०२५)
ऐ जिंदगी, मेरे हिस्सेकी कडवाहट मेरे प्यालेमे भर दे
कडवा निगल सकता हूँ, सुन नही सकता I
-सुरेश गोपाळ भागवत (२६/४/२०२५)
